मंगळवार, २० मे, २०१४

मै वह नही जो मै कहता हू़,...

मै वह नही जो मै कहता हू़,
मै वह हूँ, जो आप कहते हो !

मेरी पहचान जानता नही,
सिवा आपके कोई जानता नही !

यु तो खुब मिलते है यार,
कुछ होते है जो निभाते  प्यार !

बिना आपसे मेरा वजुद कैसा,
बिना प्यार से कोई यार कैसा !

किसी की मुस्कुराहट होती कुछ ऐसी ,
गम मै भी साथ देती फुलो जैसी !

रिश्ता तो हम निभाना चाहते,
गर साथ आप हमे दे पाते !

कवी: सुभाष थोरात, चाळीसगाव

४ टिप्पण्या:

Subhash Thorat म्हणाले...

Chhan chal thanks Pramodji.

प्रमोद देव म्हणाले...

थोरातसाहेब, प्रतिक्रियेबद्दल धन्यवाद!

Subhash Thorat म्हणाले...

Aap la prytn chhanch aahy . Tymule mala hi prerna milty

Subhash thorat

प्रमोद देव म्हणाले...

पुन्हा एकदा धन्यवाद!