बुधवार, २१ मे, २०१४

पाखरांनो, रुसला रे किती...

चाहता हूँ दिलसे



चाहता हूँ दिल से, निभाऊंगा प्यार से
प्यार भी अजीबसा है, करता हूँ तुझ से

जब से तुम्हे देखा था, होश मैं खोता गया
हर पल मेरे जिंदगी का, तेरे प्यार में खोता गया

एक बार की मुलाकात थी, पल भर का ही प्यार था
जीवन के सफर का वह, पल भी सुनहरा था !

कवी: सुभाष थोरात, चाळीसगाव

मंगळवार, २० मे, २०१४

मै वह नही जो मै कहता हू़,...

मै वह नही जो मै कहता हू़,
मै वह हूँ, जो आप कहते हो !

मेरी पहचान जानता नही,
सिवा आपके कोई जानता नही !

यु तो खुब मिलते है यार,
कुछ होते है जो निभाते  प्यार !

बिना आपसे मेरा वजुद कैसा,
बिना प्यार से कोई यार कैसा !

किसी की मुस्कुराहट होती कुछ ऐसी ,
गम मै भी साथ देती फुलो जैसी !

रिश्ता तो हम निभाना चाहते,
गर साथ आप हमे दे पाते !

कवी: सुभाष थोरात, चाळीसगाव

सोमवार, १९ मे, २०१४

रती!

दोन वेगळे ताल वापरून गाण्याचा प्रयत्न केलाय...

ताल: केहरवा



ताल: त्रिताल