बुधवार, २१ मे, २०१४

चाहता हूँ दिलसे



चाहता हूँ दिल से, निभाऊंगा प्यार से
प्यार भी अजीबसा है, करता हूँ तुझ से

जब से तुम्हे देखा था, होश मैं खोता गया
हर पल मेरे जिंदगी का, तेरे प्यार में खोता गया

एक बार की मुलाकात थी, पल भर का ही प्यार था
जीवन के सफर का वह, पल भी सुनहरा था !

कवी: सुभाष थोरात, चाळीसगाव

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